सूखे पडे अमृत सरोवर |
28 करोड़ के 'अमृत सरोवर': धूल उड़ा रहे हैं, पानी नहीं दे पा रहे!
कानपुर देहात:
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत दो साल पहले जिले के हर गांव में 'अमृत सरोवर' बनाने की योजना बनी थी। इस महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य 283 सरोवर बनाना था, जिनमें से 194 बनने का दावा किया जा रहा है।
लेकिन हकीकत ये है कि ये 'अमृत सरोवर' अपनी चमक खो चुके हैं और लोगों की प्यास बुझाने में नाकाम साबित हो रहे हैं।
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सूखे सरोवर, प्यासे गांव:
- · ज्यादातर 'अमृत सरोवर' सूख चुके हैं, जिसके कारण गांवों में पानी की भारी किल्लत है।
- · गर्मी के मौसम में पशु-पक्षियों के लिए भी पानी का संकट गहरा गया है।
- · बारिश का पानी भी इन सरोवरों में नहीं टिक पा रहा है, जिसके चलते जल संचयन का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है।
आग लगने पर भी पानी नहीं:
- · गांवों में आग लगने की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
- · आग लगने पर फायर ब्रिगेड को पानी के लिए भटकना पड़ता है क्योंकि 'अमृत सरोवर' सूखे हैं।
- · इस देरी के कारण कई बीघे खेत जलकर खाक हो जाते हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है।
- 41 करोड़ 90 लाख रुपये का खर्च, फिर भी बेकार:
- · 'अमृत सरोवर' बनाने पर 41 करोड़ 90 लाख रुपये की भारी रकम खर्च की गई थी।
- · मनरेगा योजना के तहत शुरू हुए कामों की गति धीमी रही और कई सरोवर अधूरे रह गए।
- · कुछ सरोवरों में पानी तो है, लेकिन वह दूषित है और पीने योग्य नहीं है।
जिम्मेदारों का दावा:
- · विकास विभाग के जिम्मेदारों का दावा है कि 'अमृत सरोवर' बरसात का पानी संग्रह करने के लिए बनाए गए हैं।
- · लेकिन गांवों में पानी की किल्लत बरकरार है और लोग पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
·
स्थानीय लोगों का कहना है कि 'अमृत सरोवर' योजना में भ्रष्टाचार हुआ
है और इसी वजह से इन सरोवरों का रखरखाव ठीक से नहीं हो रहा है।
कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- · 283 'अमृत सरोवर' बनाने का लक्ष्य रखा गया था।
- · 194 सरोवर बनने का दावा किया जा रहा है।
- · अधिकांश सरोवर सूख चुके हैं।
- · गांवों में पानी की किल्लत है।
- · आग लगने पर फायर ब्रिगेड को पानी के लिए भटकना पड़ता है।
- · 41 करोड़ 90 लाख रुपये का खर्च किया गया था।
- · 'अमृत सरोवर' योजना में
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