अवैध कब्जे पर चलाता बुलडोजर! |
शिक्षा की राह में रोड़ा बनने वाले अवैध कब्जे पर चला बुलडोजर!
कानपुर देहात: शिक्षा के मंदिर के सामने सरकारी जमीन
पर अवैध कब्जा करने वालों के मंसूबे ध्वस्त हो गए। थनवापुर गांव में प्राथमिक
विद्यालय के बाहर श्रीराम कश्यप द्वारा किए गए अवैध निर्माण को एसडीएम के आदेश पर
बुलडोजर से ढहा दिया गया।
यह घटना उन लोगों के लिए एक बड़ा सबक है
जो सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने की सोच रखते हैं। प्रशासन ऐसे अतिक्रमणों को
बर्दाश्त नहीं करेगा और कड़ी कार्रवाई करेगा।
अतिक्रमण का खेल:
श्रीराम कश्यप ने न केवल विद्यालय के
गेट के सामने अपनी जमीन पर चबूतरा बनवा दिया था, बल्कि
सड़क के दूसरी तरफ भी सरकारी जमीन पर कब्जा कर दीवार बनाकर विद्यालय की
बाउंड्रीवाल पर छप्पर तक डाल दिया था। इस अतिक्रमण के कारण विद्यालय गेट के दोनों
ओर जलभराव की समस्या उत्पन्न हो रही थी। बारिश के दिनों में विद्यालय आने-जाने
वाले बच्चों और शिक्षकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
कानूनगो और लेखपाल के अनुरोधों को
अनदेखा:
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कानूनगो रामविलास पाल और लेखपाल अजीत
सिंह ने श्रीराम कश्यप को कई बार समझाने का प्रयास किया, लेकिन
उन्होंने कोई heed नहीं दी। श्रीराम कश्यप ने न केवल
सरकारी जमीन पर कब्जा किया था, बल्कि कानूनगो और लेखपाल के आदेशों का
भी पालन नहीं किया था।
कड़ी कार्रवाई:
श्रीराम कश्यप की मनमानी और अतिक्रमण को
देखते हुए प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया। एसडीएम सर्वेश कुमार सिंह,
बरौर थानाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह, एसआई
सुरजीत कुमार, आरआई रामविलास पाल, लेखपाल अजीत सिंह and रुपराम
मौके पर पहुंचे और बुलडोजर की मदद से अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया।
एसडीएम का सख्त संदेश:
एसडीएम सर्वेश कुमार सिंह ने कहा कि
"यह घटना उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने
की सोच रखते हैं। प्रशासन ऐसे अतिक्रमणों को बर्दाश्त नहीं करेगा और कड़ी कार्रवाई
करेगा।" उन्होंने श्रीराम कश्यप को दो दिनों के अंदर मलबा और ईंटें हटाने के
भी निर्देश दिए हैं।
शिक्षा पर असर:
श्रीराम कश्यप द्वारा किए गए अवैध निर्माण ने न केवल विद्यालय के गेट के दोनों ओर जलभराव की समस्या उत्पन्न की थी, बल्कि विद्यालय के वातावरण को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित किया था। इस अवैध निर्माण के कारण विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का ध्यान भंग हो रहा था और उन्हें शिक्षा ग्रहण करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था।
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