Breaking News

6/recent/ticker-posts

कानपुर में IPL सट्टे का भंडाफोड़, 19 लाख और विदेशी लेनदेन के सबूत मिले!

 

गिरफ्तार आरोपी 

कानपुर में IPL सट्टे का भंडाफोड़, 19 लाख और विदेशी लेनदेन के सबूत मिले!


कानपुर क्राइम ब्रांच ने एक होटल में बड़ा सट्टे का बजार उजागर किया है, जहां तीन सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इन आरोपियों से 19,05,000 रुपये कैश जब्त किया है, साथ ही उन्हें विदेशी खातों में ट्रांजैक्शन के सबूत भी मिले हैं। पुलिस इस मामले की गहन जाँच कर रही है।

हरबंशमोहाल थाना क्षेत्र में स्थित एक होटल में सट्टे का कारोबार चल रहा था, जिसमें पुलिस को सूचना मिली थी। पुलिस ने बीते कई दिनों से इसकी रेड चलाई थी और शनिवार को छापेमारी की। होटल के एक कमरे से 19,05,000 रुपये कैश के साथ तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए।

पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे क्रिकेट मज्जा ऐप में आने वाले रेट के अनुसार सट्टा लगाते थे। इनके अजेंट आईपीएल मैचों पर जीत-हार का सट्टा कराते थे। इसके साथ ही, उनके पास विदेशी खातों में ट्रांजैक्शन के साक्ष्य भी थे।

रोहित गुप्ता नामक गैंग के सदस्य अपने एजेंटों के माध्यम से जीत-हार के लेनदेन का हिसाब रखते थे। इन आरोपियों के पास लेपटॉप, मोबाइल, कैलकुलेटर, स्कूटी और कार जैसे सामग्री भी बरामद की गई है।

बरामद सामान:

·        19 लाख रुपये कैश

·        1 लेपटॉप

·        7 की पैड मोबाइल

·        5 स्मार्टफोन

·        कैलकुलेटर

·        सट्टे का हिसाब-किताब के कागजात

·        स्कूटी

·        क्रेटा कार

अगली कार्रवाई:

·        पुलिस आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है।

·        विदेशी खातों में लेनदेन के संबंध में जांच जारी है।

·        सट्टेबाजी के नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

  पुलिस द्वारा जाँच में पाया गया कि इन आरोपियों द्वारा सट्टा लगाने का पूरा व्यवस्थित प्रक्रिया चल रहा था। उनके पास विभिन्न डिवाइस और साधन हैं जिनका उपयोग सट्टा लगाने और लेन-देन की प्रक्रिया में किया जाता था।

यह घटना स्पष्ट करती है कि सट्टेबाजी और सट्टा कारोबार के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। खेल को मनोरंजन के रूप में ही देखा जाना चाहिए, न कि धन कमाने का माध्यम। सट्टा लगाने की गतिविधि को नियंत्रित करने के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई और जागरूकता की जरूरत है।

इसके अलावा, इस घटना से स्पष्ट होता है कि तकनीकी संसाधनों का उपयोग अपराधिक कार्यों के लिए किया जा रहा है। सरकारों को इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ निरंतर सतर्क रहना चाहिए और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ