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कानपुर देहात:शिक्षकों का शानदार विरोध प्रदर्शन: काली पट्टी बांधकर पढ़ाया गया हिंदी का पाठ!

 शिक्षकों का शानदार विरोध प्रदर्शन: काली पट्टी बांधकर पढ़ाया गया हिंदी का पाठ!



कानपुर देहात,अमरौधा: उच्च प्राथमिक विद्यालय अटवा के शिक्षक मनोज गुप्ता पर लगाए गए झूठे आरोपों के खिलाफ शिक्षकों का गुस्सा भड़क उठा है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के आह्वान पर शुक्रवार को पूरे जिले में शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। 

यह विरोध प्रदर्शन केवल नारेबाजी तक सीमित नहीं रहा, शिक्षकों ने एक अनोखा तरीका अपनाते हुए पूरे दिन हिंदी का पाठ काली पट्टी बांधकर पढ़ाया। 

शिक्षकों का आरोप:

जिलाध्यक्ष मनोज शुक्ला ने मीडिया को बताया कि जिले के शिक्षक पूरी लगन से शिक्षण कार्य करते हैं और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन कुछ अभिभावक, शिक्षकों को परेशान करने और आर्थिक लाभ के लिए झूठे आरोप लगाते हैं। मनोज गुप्ता पर लगाए गए आरोप भी इसी का हिस्सा हैं। 

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उन्होंने कहा कि मनोज गुप्ता पर एक अभिभावक ने कूटरचित तरीके से और मनगढ़ंत आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराई है। यह आरोप पूरी तरह से झूठे और निराधार हैं। 



विरोध का स्वर हुआ तेज:

शुरुआत में शिक्षकों ने ज्ञापन सौंपकर और नारेबाजी करके अपना विरोध जताया था। लेकिन शुक्रवार को उन्होंने काली पट्टी बांधकर पढ़ाने का फैसला लिया। 


जिला संगठन मंत्री अनन्त त्रिवेदी ने कहा कि शिक्षक गरिमा और सम्मान की रक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को लगातार झूठे आरोपों से परेशान किया जा रहा है, जिससे उनका मनोबल टूट रहा है। 

प्रदेशीय मंत्री प्रदीप तिवारी ने कहा कि शिक्षकों पर गैर-शैक्षणिक कार्यों का बोझ लाद दिया जाता है, जिसके कारण उन्हें अभिभावकों का शिकार होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को चुनाव में मतदान कराने, बच्चों को घर से बुलाकर लाने, एम डी एम बनवाने, ड्रेस वितरण करने जैसे अनेक गैर-शैक्षणिक कार्य दिए जाते हैं। 

चुनाव के बाद शिक्षक नहीं करेंगे गैर-शैक्षणिक कार्य:

शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि चुनाव के बाद वे किसी भी गैर-शैक्षणिक कार्य को नहीं करेंगे। इस मुद्दे को प्रदेश स्तर पर भी उठाया जाएगा।


यह विरोध प्रदर्शन शिक्षकों की एकजुटता और उनके हक़ की लड़ाई का प्रतीक है


विरोध प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों ने निम्नलिखित मांगें रखीं:


* मनोज गुप्ता पर लगाए गए झूठे आरोपों को वापस लिया जाए।

* शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए।

* शिक्षकों की गरिमा और सम्मान को बनाए रखा जाए।

* शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।


यह विरोध प्रदर्शन पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है। लोगों ने शिक्षकों के समर्थन में अपनी आवाज उठाई है।

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