कानपुर देहात: बीज की गुणवत्ता जांचने और कालाबाजारी रोकने के लिए कृषि विभाग की छापेमारी, 49 जगहों से 30 नमूने जांच के लिए भेजे
कानपुर देहात : किसानों के हितों की रक्षा और बीज की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से
कानपुर देहात में कृषि विभाग और अन्य संबंधित अधिकारियों की संयुक्त टीम ने बड़े
पैमाने पर छापेमारी की। इस अभियान के तहत जिले के विभिन्न हिस्सों में कुल 49 स्थानों पर छापे मारे गए।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस छापेमारी का मुख्य
उद्देश्य बीज की गुणवत्ता की जांच करना और कालाबाजारी को रोकना है। किसानों को
उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिले, इसके लिए यह कार्रवाई
अत्यंत महत्वपूर्ण है। छापेमारी के दौरान अलग-अलग स्थानों से कुल 30 नमूने एकत्रित किए गए, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है।
इस अभियान में कृषि विभाग के अलावा स्थानीय प्रशासन और
पुलिस के अधिकारी भी शामिल थे। उन्होंने विभिन्न दुकानों, गोदामों और वितरकों के यहां छापेमारी की और
बीजों के नमूने लिए। अधिकारियों ने बताया कि इन नमूनों की जांच के बाद ही यह पता
चल सकेगा कि वे मानकों के अनुरूप हैं या नहीं।
कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "हम चाहते हैं कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता
वाले बीज मिलें ताकि वे बेहतर फसल उत्पादन कर सकें। इसके लिए बीज की गुणवत्ता की
जांच और कालाबाजारी को रोकना आवश्यक है।" उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी भी
दुकान या वितरक के खिलाफ शिकायतें पाई जाती हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस छापेमारी अभियान से किसानों में उम्मीद जगी है कि अब
उन्हें गुणवत्तापूर्ण बीज मिलेंगे और वे बेहतर पैदावार कर सकेंगे। कुछ किसानों ने
बताया कि पहले उन्हें खराब गुणवत्ता वाले बीज मिलने की वजह से काफी नुकसान उठाना
पड़ा था। अब वे उम्मीद कर रहे हैं कि इस तरह की कार्रवाइयों से उनकी समस्याओं का
समाधान होगा।
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जिले के एक किसान ने कहा, "हम कृषि विभाग की इस कार्रवाई का स्वागत करते हैं। इससे
हमें अच्छा बीज मिलेगा और हमारी फसलों की पैदावार भी बढ़ेगी।" उन्होंने उम्मीद
जताई कि इस तरह की छापेमारी आगे भी जारी रहेगी ताकि सभी किसानों को इसका लाभ मिल
सके।
कृषि विभाग ने आश्वासन दिया है कि वे भविष्य में भी इस तरह
की छापेमारी और जांच जारी रखेंगे ताकि किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध हो सके
और कालाबाजारी पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जा सके। इस कदम से न केवल किसानों को
फायदा होगा बल्कि कृषि उत्पादन में भी सुधार होगा।
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