कानपुर: फर्जी शिक्षक भर्ती मामले में पुलिस की तेजी, मास्टरमाइंड की तलाश जारी
कानपुर, उत्तर प्रदेश - कानपुर में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की फर्जी मेल आईडी से नौकरी पाने वाले नौ शिक्षकों के खिलाफ पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सेंट्रल आर एस गौतम ने बताया कि कुछ संदिग्धों को ट्रेस कर लिया गया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें संबंधित पते पर पहुंच चुकी हैं।
डीसीपी गौतम ने बताया कि इन शिक्षकों की गिरफ्तारी के बाद आगे की कार्रवाई में तेजी आएगी और मास्टरमाइंड तक पहुंचा जा सकेगा। मामले का खुलासा होने के बाद दो महिला शिक्षकों ने अपनी नौकरी छोड़ दी है, जिनकी जांच की जा रही है।
आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
इस मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) की तहरीर पर कर्नलगंज थाने में वाराणसी की रिक्षा पांडेय, मिर्जापुर की विनीता देवी, प्रयागराज के विनय सिंह, मेरठ के विनीत चौधरी चौहान, सीतापुर के अरविंद सिंह यादव, प्रयागराज की स्वाति द्विवेदी, मिर्जापुर के आशीष कुमार पांडेय, मुजफ्फरनगर के नितिन कुमार, और मेरठ की ज्योति यादव पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस ने इन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सर्विलांस टीम को भी सक्रिय कर दिया है। पुलिस का मानना है कि किसी एक आरोपी की गिरफ्तारी के बाद ही इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड कौन है, इसका पता चल सकेगा।
डीसीपी के अनुसार, फर्जी पैनल में शामिल दो शिक्षकों को अलग-अलग स्कूलों में नियुक्ति मिल गई थी,
जबकि बाकी सात शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही थी। मदन मोहन अग्रवाल इंटर कॉलेज, किदवई नगर में टीजीटी पोस्ट पर विनीता देवी और आर्य कन्या इंटर कॉलेज में पीजीटी पोस्ट पर रिक्षा पांडेय को नियुक्ति दी गई थी। विनीता देवी ने 2.59
लाख रुपये सैलरी भी प्राप्त कर ली थी।
डीसीपी ने बताया कि प्रकरण में फर्जी ईमेल कहां से आई और ईमेल भेजने वाला कौन है, इसकी भी जांच की जा रही है। पुलिस जल्द ही इस मामले का पूरा खुलासा करने का दावा कर रही है।
इस फर्जी शिक्षक भर्ती मामले ने शिक्षा जगत और समाज में हड़कंप मचा दिया है। लोग हैरान हैं कि कैसे फर्जी दस्तावेजों और फर्जी मेल आईडी का इस्तेमाल कर नौकरी प्राप्त की जा सकती है।
पुलिस ने जनता को आश्वासन दिया है कि वे जल्द ही इस मामले का पूरा खुलासा करेंगे और दोषियों को कानून के शिकंजे में लाएंगे। डीसीपी गौतम ने बताया कि पुलिस पूरी मुस्तैदी से काम कर रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
शिक्षा जगत पर असर
इस घटना ने शिक्षा जगत में भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिक्षा संस्थानों में भर्ती प्रक्रिया की सख्त निगरानी और सत्यापन की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी निगरानी और सुरक्षा उपायों को अपनाया जाएगा।
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कानपुर में फर्जी शिक्षक भर्ती मामले ने सभी को चौकन्ना कर दिया है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और दोषियों की गिरफ्तारी के प्रयास से यह उम्मीद जगी है कि इस मामले का मास्टरमाइंड जल्द ही कानून के शिकंजे में होगा। इस घटना ने शिक्षा संस्थानों और प्रशासन को सतर्क किया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और भी कड़े कदम उठाए जाएं। जनता को उम्मीद है कि दोषियों को जल्द ही सजा मिलेगी और शिक्षा प्रणाली में फिर से विश्वास बहाल होगा।
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