कानपुर: पुलिसकर्मियों पर गिरने वाली गाज, 18 पुलिसकर्मी दोषी पाए गए, जल्द होगी कड़ी कार्रवाई
कानपुर: कानपुर में पुलिस विभाग के 18 पुलिसकर्मियों पर लूटपाट, धोखाधड़ी, खनन माफियाओं से सांठगांठ, और पुलिस की गोपनीयता भंग करने जैसे गंभीर आरोपों में दोषी पाए जाने के बाद कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। दो साल से चल रही विभागीय जांच अब पूरी हो गई है और सभी आरोप सही पाए गए हैं। जांच अधिकारियों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दी है और सभी पुलिसकर्मियों को चार्जशीट देकर जवाब के लिए अंतिम मौका दिया गया है।
विभागीय जांच और आरोपों का विवरण
कानपुर पुलिस विभाग में एक इंस्पेक्टर, सात दरोगा, नौ कांस्टेबल और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पर संगीन आरोप लगे थे। तत्कालीन पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड के निर्देश पर एडिशनल डीसीपी से लेकर एसीपी तक को इन मामलों की जांच सौंपी गई थी। अब अधिकतर अधिकारियों ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है और कुछ मामलों में जिरह और आरोप पत्र दाखिल कर दिए गए हैं। उच्चाधिकारियों ने सभी पुलिसकर्मियों को चार्जशीट देकर जवाब के लिए अंतिम मौका दिया है।
खनन माफियाओं से सांठगांठ का मामला
18 अगस्त 2021 को खनन की शिकायत पर भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय लखनऊ के निर्देश पर जिला खनन अधिकारी केबी सिंह कानपुर-सागर हाईवे पर जांच के लिए गए थे। जांच के दौरान उन्हें पता चला कि कुछ लोग उनकी टीम की लोकेशन खनन माफियाओं को दे रहे थे। टीम ने जब इनको पकड़ा तो उनके पास से ट्रांसपोर्टरों और चालकों के नंबर मिले। इन लोगों ने वॉइस नोट के जरिये सूचना देने के सुबूत भी मिले थे। विवेचक दरोगा सूर्यदेव चौधरी और तत्कालीन एसओ रावेंद्र मिश्रा ने माफियाओं को बचाने के लिए विवेचना में गड़बड़ी की और मालखाने से मोबाइल गायब कर दिया। इन दोनों की बर्खास्तगी तय मानी जा रही है।
लूटपाट और धोखाधड़ी के मामले
दरोगा भुवनेश्वरी को वर्ष 2023
में चेकिंग के नाम पर जालौन निवासी उपेंद्र सिंह जादौन समेत अन्य से मारपीट कर सोने की चेन,
अंगूठी, 20 हजार रुपये और मोबाइल लूटने के आरोप में जेल भेजा गया था। उनके खिलाफ पनकी थाने में लूट, रंगदारी मांगने समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। पुलिस ने उनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी है।
इसी तरह सचेंडी थाने में तैनात दरोगा यतीश कुमार और डीसीपी पश्चिम की स्वॉट टीम में तैनात हेड कांस्टेबल अब्दुल राफे ने दरोगा रोहित सिंह के साथ मिलकर कानपुर देहात के सिकंदरा निवासी हार्डवेयर कारोबारी सत्यम शर्मा से दीपू चौहान ढाबे के पास 5.30
लाख रुपये लूट लिए थे। तत्कालीन पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने उनके खिलाफ विभागीय जांच बैठाई थी। ये दोनों पुलिसकर्मी भी दोषी पाए गए हैं। रोहित को 26 फरवरी 2023 को बर्खास्त किया जा चुका है और बाकी दोनों को भी बर्खास्त किया जा सकता है।
शिकायत के बाद भी कार्रवाई न करने वाले इंस्पेक्टर विनय शर्मा दोषी
काकादेव थाने में तैनात तत्कालीन इंस्पेक्टर विनय शर्मा पर जानलेवा हमले और धमकी के मामले में शिकायत के बाद भी कार्रवाई न करने का आरोप था। उन्होंने मेडिकल रिपोर्ट को दरकिनार करते हुए मामले में कार्रवाई करने के बजाय एनसीआर दर्ज की थी। इसके अलावा, उनके खिलाफ गांजा तस्कर से सांठगांठ, उच्चाधिकारियों के आदेश की अवहेलना, और कर्मचारियों से अभद्रता का भी आरोप था। ये एसीपी अनवरगंज इंद्रप्रकाश सिंह की जांच में दोषी पाए गए हैं।
अन्य दोषी पाए गए पुलिसकर्मी
जांच में दोषी पाए गए अन्य पुलिसकर्मियों में दरोगा पंकज कुमार मिश्रा, सौरभ सिंह, तेजवीर सिंह, हेड कांस्टेबल रवि कुमार, राकेश कुमार, कांस्टेबल विपिन कुमार, पवन कुमार, रिक्रूट अनुज यादव, चालक भजन लाल, और राकेश कुमार शामिल हैं।
आगामी कार्रवाई
अब सभी दोषी पुलिसकर्मियों को अपना पक्ष रखने का अंतिम मौका दिया गया है। इसके बाद सजा तय की जाएगी। माना जा रहा है कि चार दरोगा समेत पांच पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जा सकता है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर विपिन मिश्रा ने बताया कि संबंधित अधिकारियों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दी है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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यह मामला कानपुर पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करने वाला है, लेकिन साथ ही यह भी दर्शाता है कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। दोषियों को सजा मिलने से पुलिस विभाग में अनुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। पुलिस विभाग के इस कदम से यह संदेश जाएगा कि किसी भी तरह के भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को उनके कर्मों की सजा अवश्य मिलेगी।
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