कानपुर: सपा विधायक इरफान सोलंकी को जाजमऊ आगजनी मामले में 7 साल की सजा
कानपुर: समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी को जाजमऊ आगजनी मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा सात साल की सजा सुनाई गई है। इस मामले में इरफान सोलंकी को 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इरफान सोलंकी पिछले साल 2 दिसंबर से महराजगंज जेल में बंद हैं और शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किए गए थे।
मामले का विवरण
8 नवंबर 2022 को जाजमऊ थाने में नजीर फातिमा नामक महिला ने विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान समेत अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। महिला का आरोप था कि प्लॉट पर कब्जा करने के लिए इरफान सोलंकी और उनके सहयोगियों ने उसकी झोपड़ी में आग लगा दी थी। 7 नवंबर 2022 को महिला का परिवार शादी में गया था, इसी दौरान विधायक और उनके साथियों ने घर पर पहुंचकर आगजनी की घटना को अंजाम दिया। इस आगजनी में गृहस्थी का सामान, फ्रिज, गैस सिलेंडर और टीवी समेत कई चीजें जल गई थीं।
पुलिस की कार्रवाई और कोर्ट का फैसला
मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू की, जिसमें इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान और कई अन्य लोगों के नाम सामने आए। जांच के दौरान सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बीते 3 जून को कोर्ट ने इरफान सोलंकी समेत सभी पांच आरोपियों को दोषी करार दिया था।
शुक्रवार को कोर्ट ने इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी को सात साल की सजा और 20,000 रुपये का जुर्माना सुनाया। सजा सुनाए जाने के बाद इरफान सोलंकी के वकील करीम अहमद सिद्दीकी ने कहा कि वे इस फैसले से खुश नहीं हैं और आगे अपील करेंगे।
समर्थकों की भीड़ और सुरक्षा व्यवस्था
सजा सुनाए जाने के दौरान कोर्ट में इरफान सोलंकी के भारी संख्या में समर्थकों की भीड़ जुटी थी। इसे देखते हुए पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। कोर्ट परिसर में पुलिस बल की तैनाती की गई थी ताकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटा जा सके।
सजा सुनाए जाने के बाद इरफान सोलंकी की विधायक पद की कुर्सी भी खतरे में आ गई है। कानपुर देहात के सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र से विधायक इरफान सोलंकी अब अपनी कुर्सी गंवा सकते हैं।
इस घटना ने कानपुर देहात में राजनीतिक और सामाजिक हलचल मचा दी है। विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान को सजा मिलने से यह स्पष्ट होता है कि कानून के सामने कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो, बच नहीं सकता। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इरफान सोलंकी और उनके समर्थक इस सजा के खिलाफ क्या कदम उठाते हैं।
समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी की सजा और जुर्माने के इस फैसले से जनता में न्याय प्रणाली के प्रति विश्वास बढ़ा है और यह संदेश गया है कि कानून के सामने सभी बराबर हैं।
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