हरदोई जिले में भीषण हादसा: बालू भरे ट्रक की चपेट में आठ की मौत
हरदोई – मल्लावां कोतवाली क्षेत्र के उन्नाव मार्ग पर मंगलवार देर रात एक बड़ा हादसा हुआ। कानपुर से हरदोई जा रहा बालू से लदा ट्रक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे स्थित झोपड़ी पर पलट गया,
जिसमें सो रहे आठ लोगों की मौत हो गई। इस घटना में मृतकों में एक दंपति, उनके चार बच्चे, एक दामाद और एक अन्य बच्चा शामिल हैं।
मल्लावां कस्बे में उन्नाव मार्ग पर चुंगी नंबर दो के पास नट बिरादरी के लोग सड़क किनारे झोपड़ी बनाकर रहते हैं। मंगलवार आधी रात को एक अनियंत्रित ट्रक सड़क किनारे अवधेश उर्फ बल्ला की झोपड़ी पर पलट गया। इस हादसे में झोपड़ी में सो रहे आठ लोगों की जान चली गई। मृतकों की पहचान अवधेश उर्फ बल्ला (45),
उनकी पत्नी सुधा उर्फ मुंडी (42), पुत्री सुनैना (11), लल्ला (5), बुद्धू (4), हीरो (22), हीरो का पति करन (25) और करन की पुत्री कोमल उर्फ बिहारी (5) के रूप में हुई है।
अवधेश की एक पुत्री बिट्टू इस हादसे में घायल हो गई है और उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मल्लावां में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने ट्रक चालक अवधेश और हेल्पर रोहित को हिरासत में ले लिया है।
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग और पुलिस मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने जेसीबी की मदद से ट्रक को सीधा कर बालू हटवाया। इस दौरान लगभग तीन घंटे तक हाईवे पर लंबा जाम लगा रहा। घटनास्थल पर भारी भीड़ जमा हो गई थी और रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा था। उन्नाव की ओर से आने वाले वाहनों को संडीला मेंहदीघाट की ओर डायवर्ट किया गया था, जबकि हरदोई की ओर से आने वाले वाहनों को घटनास्थल से एक किलोमीटर पहले रोक दिया गया था। ट्रक हटने के बाद ही यातायात सामान्य हो सका।
इस घटना से मृतकों के परिवार में कोहराम मच गया है। अचानक हुए इस हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। प्रशासन की ओर से मृतकों के परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया गया है।
पुलिस मामले की जांच कर रही है और यह जानने का प्रयास कर रही है कि ट्रक अनियंत्रित कैसे हुआ। प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि ट्रक चालक और हेल्पर की लापरवाही से यह हादसा हुआ। घटना की विस्तृत जांच के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आएगी।
यह घटना न केवल मल्लावां कस्बे के लिए बल्कि पूरे हरदोई जिले के लिए एक बड़ा दुखदायी दिन बनकर आई है। प्रशासन और पुलिस की तत्परता ने राहत कार्यों में तेजी लाई, लेकिन इतने बड़े हादसे को टाला नहीं जा सका। अब यह देखना होगा कि आगे की कार्रवाई में क्या-क्या कदम उठाए जाते हैं ताकि ऐसे हादसे दोबारा न हों।
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