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कानपुर : वीआईपी रोड पर वकील को कार से रौंदा, मानवता हुई शर्मसार

कानपुर : वीआईपी रोड पर वकील को कार से रौंदा, मानवता हुई शर्मसार

कानपुर में एक दर्दनाक और बर्बरता भरी घटना सामने आई है, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया है। वीआईपी रोड पर एक वकील को एक कार सवार ने रौंदकर मार डाला और मौके से फरार हो गया। यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और सड़क सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।



यह मामला कानपुर जिले के वीआईपी रोड पार्वती बंगला रोड का है, जहां कोहना थाना क्षेत्र में यह हादसा हुआ। कानपुर के नवाबगंज क्षेत्र के निवासी वकील रवींद्र तिवारी उर्फ भोला तिवारी रैना मार्केट रोड से अपने घर की ओर रहे थे। तभी एक उत्तर प्रदेश सरकार लिखी कार से उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया।

हादसे के बाद भोला तिवारी अपनी कार से बाहर निकले और टक्कर मारने वाली कार को रोकने की कोशिश की। जब कार नहीं रुकी तो भोला तिवारी कार की बोनट के सामने खड़े हो गए और ड्राइवर से उसकी गलती बताने लगे। यही कहना उनके लिए मौत का कारण बन गया। उस सनकी कार चालक ने अपनी कार की स्पीड बढ़ा दी और वकील को रौंदते हुए आगे बढ़ गया और फिर मौके से फरार हो गया।

घटना की सूचना मिलने पर पुलिस तुरंत हरकत में आई, क्योंकि मामला एक अधिवक्ता से जुड़ा हुआ था। एसीपी महेश कुमार ने बताया कि मृतक भोला तिवारी पहले वकील थे, लेकिन अब उनकी सरकारी नौकरी सूचना विभाग में होने के कारण वकालत नहीं करते थे। हादसे की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने आरोपी की गाड़ी और उसकी तलाश शुरू कर दी है। पूरे शहर में नाकाबंदी कर दी गई है और जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होगा।

वकील की मौत की खबर सुनते ही क्षेत्रीय लोग उन्हें कानपुर के हैलट अस्पताल लेकर गए, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वकील की पत्नी मंजू तिवारी ने बताया कि उन्हें पति के एक्सीडेंट की सूचना दी गई थी, लेकिन जब वह अस्पताल पहुंची तो उनकी मृत्यु हो चुकी थी। पत्नी की मांग है कि पति को बेरहमी से रौंदने वाले को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

इस दर्दनाक हादसे ने कानपुर शहर को हिला कर रख दिया है। एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। लोग सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

यह घटना एक कड़वा सच है जो दिखाती है कि हमारे समाज में इंसान की जान की कोई कीमत नहीं रह गई है। सड़क पर चलना या गाड़ी चलाना अब कितना सुरक्षित रह गया है, यह हम सबके लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। पुलिस की तत्परता और आरोपी की गिरफ्तारी ही इस मामले में न्याय दिला सकती है और परिवार के घावों को थोड़ा सा भर सकती है।

 

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