Breaking News

6/recent/ticker-posts

कानपुर के गौरिया छतिमरा गांव में मोबाइल चोरी के आरोप से आहत नाबालिग ने की आत्महत्या

 कानपुर के गौरिया छतिमरा गांव में मोबाइल चोरी के आरोप से आहत नाबालिग ने की आत्महत्या

कानपुर: महाराजपुर क्षेत्र के गौरिया छतिमरा गांव में एक नाबालिग ने मोबाइल चोरी के आरोप से आहत होकर फंदे से लटककर जान दे दी। इस घटना के बाद परिजनों ने पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। छह घंटे तक चले हंगामे के बाद पुलिस अफसरों के समझाने पर परिजन शांत हुए और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

मृतक किशोर की फाइल फोटो 

घटना का विवरण

गौरिया छतिमरा गांव निवासी राजेंद्र पाल के तीन बेटे मोनी, शिवांशु, और मझला शिवा (15) हैं। उचटी गांव के रामकुमार सविता के बेटे अमरनाथ ने शिवा पर मोबाइल चोरी का आरोप लगाकर डायल 112 पर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद कुलगांव चौकी के दो दरोगा शिवा के घर पहुंचे और उसे जेल भेजने की धमकी दी। धमकी से आहत होकर शिवा ने गुरुवार सुबह खेत के किनारे लगे नीम के पेड़ से रस्सी के सहारे फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस और परिजनों की प्रतिक्रिया

घटना की सूचना मिलने पर महाराजपुर थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेने का प्रयास किया। परिजनों ने आरोपी दरोगाओं और अमरनाथ के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा किया और पुलिस को शव उठाने से रोका। मामले की गंभीरता को देखते हुए आसपास के थानों से भी फोर्स बुला ली गई। अंततः पुलिस ने तहरीर के आधार पर जांच करने का भरोसा दिलाकर मामला शांत कराया।

आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला

महाराजपुर थाना प्रभारी ने बताया कि अमरनाथ का मोबाइल शिवा ने नहीं, बल्कि गांव के चंद्रजीत ने चुराया था और उसने पांच सौ रुपये में फोन शिवा को बेच दिया था। अब तक की जांच में यह तथ्य सामने आया है। शिवा के परिजनों की तहरीर के आधार पर पुलिस ने अमरनाथ और चंद्रजीत के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और गाली देने का मामला दर्ज किया है।

परिजनों का आरोप

परिजनों का कहना है कि मंगलवार को शिवा को कुलगांव पुलिस चौकी ले जाकर पिटाई की गई थी। पुलिस ने उसे धमकी दी थी कि अगर गुरुवार तक मोबाइल नहीं मिला तो उसे और भी ज्यादा प्रताड़ित कर जेल भेज देंगे। इस धमकी से शिवा बहुत डर गया था और उसने खाना भी नहीं खाया था।

पुलिस की प्रतिक्रिया

एसीपी मो. मोहसिन खान ने कहा कि 112 नंबर पर आई मोबाइल चोरी की शिकायत की जांच के लिए दो दरोगा नाबालिग से पूछताछ के लिए गए थे। परिजनों ने प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है, हालांकि अभी तक किसी के खिलाफ कोई तहरीर नहीं दी गई है। तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना पुलिस प्रताड़ना और मानसिक दबाव के कारण एक नाबालिग की आत्महत्या की गंभीरता को दर्शाती है। पुलिस द्वारा धमकी और प्रताड़ना के आरोपों की निष्पक्ष जांच आवश्यक है ताकि दोषियों को सजा मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। समाज और प्रशासन को मिलकर इस तरह की समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए ताकि निर्दोष लोग मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या जैसा कठोर कदम न उठाएं।

इसे भी पढ़े - कानपुर देहात: दबंगों के हमले में युवक की मौत, गांव में तनाव

 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ