मध्य प्रदेश की इंदौर सीट पर नोटा ने बनाया रिकॉर्ड
लोकसभा चुनाव 2024
के दौरान मध्य प्रदेश की इंदौर सीट पर नोटा (इनमें से कोई नहीं) विकल्प ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस चुनाव में 2.18 लाख मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना, जो कुल मतदाताओं का 14.01
प्रतिशत है। यह आंकड़ा भारतीय चुनावी इतिहास में अब तक का सबसे अधिक है।
नोटा का बढ़ता प्रभाव
2019 के आम चुनावों में बिहार के गोपालगंज क्षेत्र के 51,660 मतदाताओं (पांच प्रतिशत) ने नोटा का विकल्प चुना था,
जो उस समय एक रिकॉर्ड था। लेकिन इस बार इंदौर के मतदाताओं ने इसे बहुत पीछे छोड़ दिया है। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर दोपहर बाद 3.15 बजे उपलब्ध ताजा आंकड़ों के अनुसार, कुल मतदाताओं में से 4.62
लाख (0.99 प्रतिशत) ने नोटा का विकल्प चुना। यह संकेत करता है कि देशभर में नोटा का उपयोग करने वाले मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हो रही है।
पिछले चुनावों में नोटा का उपयोग
2019 के आम चुनाव में डाले गए कुल 61,31,33,300 मतों में से 65,14,558 (1.06 प्रतिशत) मत नोटा को मिले थे। इसी तरह,
2014 के आम चुनाव में डाले गए 55,38,02,946 मतों में से 60,02,942 (1.08 प्रतिशत) मत नोटा के लिए थे। हालांकि, इस बार इंदौर में नोटा के आंकड़े ने सभी पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि मतदाताओं के बीच असंतोष की भावना बढ़ रही है।
नोटा का महत्व
नोटा विकल्प का उपयोग उन मतदाताओं द्वारा किया जाता है जो चुनाव में खड़े सभी उम्मीदवारों से असंतुष्ट होते हैं। यह एक महत्वपूर्ण संकेतक है जो राजनीतिक दलों को यह बताने का काम करता है कि मतदाता उनके द्वारा पेश किए गए उम्मीदवारों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इंदौर में इस बार की बड़ी संख्या में नोटा वोट्स एक स्पष्ट संदेश है कि मतदाताओं में असंतोष की भावना काफी अधिक है।
भविष्य के लिए संकेत
इस बार के चुनाव में नोटा के रिकॉर्डतोड़ उपयोग ने राजनीतिक दलों के लिए एक चेतावनी का काम किया है। उन्हें अब इस बात पर गंभीरता से विचार करना होगा कि क्यों इतने बड़े पैमाने पर मतदाता नोटा का विकल्प चुन रहे हैं। यह समय है कि राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों के चयन और चुनावी मुद्दों पर पुनर्विचार करें ताकि वे मतदाताओं के विश्वास को फिर से जीत सकें।
इंदौर के मतदाताओं का यह कदम निश्चित रूप से भारतीय चुनावी परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है और आने वाले समय में इसके व्यापक प्रभाव देखे जा सकते हैं।
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