कानपुर देहात: सज धज के दुल्हन करती रही इंतजार, नहीं आया दूल्हा
रिपोर्टर: अभिषेक द्विवेदी
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक दुल्हन, जिसने अपनी शादी के लिए बड़े अरमानों से तैयारी की थी, सज धज कर अपने शहजादे का इंतजार करती रही, लेकिन दूल्हा नहीं आया। यह घटना न केवल दुल्हन और उसके परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी बन गई है।
शादी की तैयारी और इंतजार
सिकंदरा थाना क्षेत्र के जमुआ निवासी एक व्यक्ति ने अपनी बेटी की शादी इटावा जनपद के सुनवर्षा निवासी युवक से तय की थी। शादी की तारीख 10 जून निर्धारित की गई थी। शादी के इस महत्वपूर्ण दिन के लिए दुल्हन के पिता ने अपना घर का कुछ सामान बेचकर दहेज इकट्ठा किया था। उन्होंने घर में टेंट लगाकर शादी का सारा इंतजाम किया। दुल्हन के रिश्तेदार और मोहल्ले के लोग बैंक्वेट हॉल में जमा हो गए थे और सब आराम से खाना खा चुके थे, लेकिन बारात नहीं आई।
शाम के 6 बजे से लेकर रात के 12 बजे तक दुल्हन और उसके परिवार ने बारात का इंतजार किया। रिश्तेदारों और मोहल्ले वालों ने खाना खा लिया और बारात की राह देख रहे थे।
दूल्हे पक्ष की मांग
रात 8 बजे तक बारात न पहुंचने पर दुल्हन के पिता ने दूल्हे पक्ष से फोन पर संपर्क किया। उधर से बताया गया कि दूल्हा शेरवानी लेने गया है और अब तक वापस नहीं लौटा है।
फिर, जब दुल्हन के पिता ने दोबारा फोन किया, तो दूल्हे पक्ष ने दहेज में मोटर साइकिल और 4 लाख रुपये की मांग कर दी। इस अप्रत्याशित मांग ने दुल्हन के परिवार को हिलाकर रख दिया। जब दुल्हन के पिता ने यह मांग पूरी करने में असमर्थता जताई, तो दूल्हे और उसके परिवार ने बारात लाने से मना कर दिया।
दूल्हे पक्ष की इस हरकत से दुल्हन के परिवार में हड़कंप मच गया। काफी मनाने के बाद भी दूल्हे पक्ष नहीं माना। इस तनावपूर्ण स्थिति के चलते, दुल्हन ने कमरे में कुछ जहरीला पदार्थ खा लिया। उसकी हालत बिगड़ गई और उसे सीएचसी सिकंदरा में भर्ती कराया गया, जहां से गंभीर हालत में उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
दुल्हन के पिता ने पुलिस में तहरीर देकर दूल्हे पक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उनका आरोप है कि दूल्हे पक्ष ने शादी के दिन अचानक से दहेज की मांग बढ़ाकर उनका उत्पीड़न किया। इस घटना ने समाज में दहेज प्रथा की कुरीति और उसकी बुरी प्रभाव को उजागर किया है।
यह घटना न केवल दुल्हन और उसके परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है। दहेज की मांग पूरी न होने पर इस तरह का अमानवीय कृत्य दुखद है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। समाज को मिलकर दहेज प्रथा के खिलाफ लड़ना होगा ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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