उत्तर प्रदेश : बुंदेलखंड में सपा का कब्जा: भाजपा को बड़ा झटका
उत्तर प्रदेश : 2024 के लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी (सपा) ने बुंदेलखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारा झटका दिया है। यहां की चार में से तीन सीटों पर सपा ने कब्जा जमा लिया है, जबकि भाजपा केवल झांसी सीट को बचा पाई है। सपा की इस जीत में जहां हाथी की धीमी चाल ने अपना असर दिखाया, वहीं जातीय गोलबंदी और सोशल इंजीनियरिंग की रणनीति ने साइकिल की राह आसान कर दी। दस साल बाद सपा को बुंदेलखंड में बड़ी सफलता मिली है।
बांदा में ब्राह्मणों की नाराजगी भारी पड़ी
बांदा सीट पर ब्राह्मण समुदाय की नाराजगी भाजपा पर भारी पड़ी। भाजपा सांसद आरके पटेल को सपा की कृष्णा पटेल से लगभग 71 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा। कृष्णा पटेल को करीब 39% वोट मिले जबकि आरके पटेल को लगभग 32.12% वोट हासिल हुए। बसपा के मयंक द्विवेदी को करीब 23.53% वोट मिले, जिससे भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगी। 2019 के चुनाव में भाजपा को 46.18% वोट मिले थे, जबकि सपा-बसपा को मिलकर 40.49% और कांग्रेस को 7.29% वोट मिले थे।
जालौन में केंद्रीय मंत्री की हार
जालौन सीट पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा को सपा के नारायण दास अहिरवार से लगभग 53 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा। वर्मा को लगभग 42.19% वोट मिले जबकि अहिरवार को करीब 46.96% वोट हासिल हुए। 2019 के चुनाव में भाजपा को 51.45% वोट मिले थे, जबकि बसपा को 37.44% और कांग्रेस को 7.92% वोट मिले थे। ऐन मौके पर सपा से भाजपा में जाने वाले कालपी विधायक विनोद चतुर्वेदी भी कोई करिश्मा नहीं दिखा पाए।
हमीरपुर में करीबी मुकाबला
हमीरपुर सीट पर लगातार दो बार सांसद रहे पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को सपा के अजेंद्र सिंह लोधी से मात्र 2630 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। यहां सपा के अजेंद्र सिंह लोधी को 44% और भाजपा को 43.76% वोट मिले। 2019 में भाजपा को 52.77% वोट मिले थे, जबकि बसपा को 29.95% और कांग्रेस को 10.51% वोट हासिल हुए थे। इस बार लोधी वोटबैंक सपा के पक्ष में गोलबंद हो गया, जिससे भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।
झांसी में भाजपा की एकमात्र जीत
झांसी सीट पर भाजपा के निवर्तमान सांसद अनुराग शर्मा ने लगभग एक लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की। उन्हें लगभग 50% वोट मिले, जबकि कांग्रेस के प्रदीप जैन को करीब 42% और बसपा के रवि प्रकाश को 4.58% वोट हासिल हुए। 2019 में भाजपा को 58.61% और सपा-बसपा को 32.12% और कांग्रेस को 6.24% वोट मिले थे।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि बुंदेलखंड के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बड़े सपने देख रहे थे, जो तत्कालिक तौर पर पूरे नहीं हो पाए। सड़कें तो बनीं, लेकिन पेयजल, रोजगार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जितना काम होना चाहिए था, वह नहीं हो पाया। दूसरी तरफ संविधान बचाने और जातीय गोलबंदी का मुद्दा भी तेजी से उभरा, जिससे भाजपा के वोटबैंक में बिखराव हुआ।
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बुंदेलखंड में सपा की जीत भाजपा के लिए एक बड़ा झटका है। ब्राह्मणों की नाराजगी, जातीय गोलबंदी और स्थानीय मुद्दों के समाधान की कमी ने भाजपा को नुकसान पहुंचाया। इस चुनाव में सपा ने अपनी रणनीति को सफलतापूर्वक लागू किया और भाजपा के अभेद दुर्ग बुंदेलखंड में सेंध लगाने में कामयाब रही।
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