Breaking News

6/recent/ticker-posts

कानपुर में पुलिस का अमानवीय चेहरा: बेहोश हेड कांस्टेबल की मदद की जगह वीडियो बनाता रहा दरोगा

 कानपुर में पुलिस का अमानवीय चेहरा: बेहोश हेड कांस्टेबल की मदद की जगह वीडियो बनाता रहा दरोगा

कानपुर, उत्तर प्रदेश: कानपुर में पुलिस की अमानवीयता का एक और मामला सामने आया है, जहाँ पुलिस ने अपने ही साथी के प्रति संवेदनहीनता दिखाई। यह घटना तब हुई जब भीषण गर्मी में रेलवे स्टेशन के बाहर एक हेड कांस्टेबल बेहोश होकर गिर गया, लेकिन उसे अस्पताल पहुँचाने के बजाय एक दरोगा उसका वीडियो बनाने में व्यस्त रहा। इस संवेदनहीनता के कारण हेड कांस्टेबल की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। दरोगा द्वारा वीडियो बनाने का यह मामला अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस घटना के बाद पुलिस कमिश्नर ने जांच के आदेश दिए हैं।



मृतक हेड कांस्टेबल की पहचान

52 वर्षीय मृतक हेड कांस्टेबल का नाम बृज किशोर था, जो झांसी के थाना समथर के गांव खटकयान के निवासी थे। वे कानपुर पुलिस लाइन में तैनात थे। बताया जा रहा है कि बृज किशोर अपनी पोती के जन्मदिन में शामिल होने के लिए तीन दिन की छुट्टी पर झांसी जा रहे थे। झांसी के लिए ट्रेन पकड़ने के लिए वे कानपुर सेंट्रल स्टेशन की ओर पैदल ही चल पड़े।

कानपुर की भीषण गर्मी में चलते-चलते बृज किशोर कुछ दूर जाने के बाद ही बेहोश होकर गिर गए। उनके गिरते ही वहां पर लोगों की भीड़ जुट गई और मौके पर पुलिस भी पहुंची। इसी दौरान हरबंश मोहाल थाने में तैनात दरोगा जगप्रताप ने उनकी मदद करने के बजाय उनका वीडियो बनाना शुरू कर दिया।

वीडियो बनाने का विरोध और बृज किशोर की मौत

मौके पर मौजूद भीड़ ने दरोगा द्वारा वीडियो बनाने का विरोध किया और उन्हें बृज किशोर को अस्पताल पहुंचाने के लिए कहा। विरोध के बाद दरोगा ने वीडियो बनाना बंद किया और हेड कांस्टेबल को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और बृज किशोर की मौत हो चुकी थी।

एसीपी कलक्टरगंज मोहसिन खान ने बताया कि बृज किशोर तीन दिन के अवकाश पर घर जा रहे थे, तभी उनकी रास्ते में मौत हो गई। उनके शव का पोस्टमॉर्टम करवाया जा रहा है, जिसके बाद मौत की असल वजह पता चलेगी। इस घटना के बाद पुलिस कमिश्नर ने जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह घटना एक बार फिर से पुलिस की संवेदनहीनता को उजागर करती है और यह सवाल उठाती है कि क्या कानून के रखवाले अपने ही साथियों के प्रति इतना असंवेदनशील हो सकते हैं। अब देखना यह है कि जांच के बाद दोषियों को क्या सजा मिलती है और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ