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केंद्र सरकार ने लागू किए तीन नए आपराधिक कानून: जानिए क्या हैं बदलाव और उनके प्रभाव

केंद्र सरकार ने लागू किए तीन नए आपराधिक कानून: जानिए क्या हैं बदलाव और उनके प्रभाव

केंद्र सरकार ने 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू करने की घोषणा की है। ये कानून औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (IEA) की जगह लेंगे। इन कानूनों का उद्देश्य हमारे कानूनी सिस्टम को आधुनिक जरूरतों के अनुसार ढालना और राष्ट्र की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना है। आइए, विस्तार से जानते हैं इन कानूनों के बारे में और क्या बदलाव किए गए हैं।



नए कानूनों का परिचय

नए कानूनों में भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) शामिल हैं। ये कानून पिछले भारतीय दंड संहिता (IPC), इंडियन एविडेंस एक्ट और दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की जगह लेंगे। पिछले साल मानसून सत्र में इन कानूनों को पेश किया गया था और 21 सितंबर को संसद ने इन्हें मंजूरी दी। इसके बाद 25 दिसंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इन पर अपनी स्वीकृति दी।

नए कानूनों और पुराने कानूनों में अंतर

भारतीय न्याय संहिता (BNS) में 358 धाराएं हैं, जबकि पुराने IPC में 511 धाराएं थीं। इसी तरह, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) में 531 धाराएं हैं, जो पुराने CrPC की 484 धाराओं से अधिक हैं। भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) में 170 धाराएं हैं, जो पुराने IEA की 166 धाराओं से थोड़ी अधिक हैं। नए कानूनों में कई बड़े बदलाव भी किए गए हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है राजद्रोह की धारा को हटाना।

राजद्रोह और आतंकवाद पर सख्त प्रावधान

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नए कानूनों के विशेष प्रावधानों को स्पष्ट करते हुए बताया कि अब राजद्रोह की धारा केवल राष्ट्र की अखंडता, संप्रभुता और एकता के खिलाफ होने पर लागू होगी। सरकार की आलोचना करने की अनुमति है, लेकिन देश के झंडे, सुरक्षा या संपत्ति में हस्तक्षेप करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। नए कानूनों में आतंकवादी गतिविधियों की परिभाषा को भी स्पष्ट किया गया है और इन्हें दंडनीय अपराध माना गया है। जो व्यक्ति देश को नुकसान पहुंचाने के लिए डायनामाइट या जहरीली गैस जैसे खतरनाक पदार्थों का इस्तेमाल करेंगे, उन्हें आतंकवादी माना जाएगा।

यौन अपराधों पर कड़ी सजा

नए कानूनों में 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों से जुड़े यौन उत्पीड़न के मामलों के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है। गैंगरेप के मामलों में 20 साल की कैद या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा, नाबालिग के साथ गैंगरेप को नए अपराध की श्रेणी में रखा गया है।

नए कानूनों का उद्देश्य और प्रभाव

इन नए कानूनों का मुख्य उद्देश्य हमारे कानूनी सिस्टम को आधुनिक जरूरतों के अनुसार ढालना और राष्ट्र की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना है। इससे देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को अधिक प्रभावी और न्यायसंगत बनाने में मदद मिलेगी। नए कानूनों के तहत अब अपराधियों को सख्त सजा मिलेगी और पीड़ितों को न्याय मिलने में आसानी होगी।

नए कानूनों की महत्वपूर्ण विशेषताएँ

1.   राजद्रोह की नई परिभाषा: अब राजद्रोह केवल राष्ट्र की अखंडता, संप्रभुता और एकता के खिलाफ होने पर लागू होगा, कि सरकार की आलोचना करने पर। इससे विचारों की स्वतंत्रता को बल मिलेगा और लोग सरकार की नीतियों पर खुलकर विचार व्यक्त कर सकेंगे।

2.   आतंकवाद पर सख्त कार्रवाई: आतंकवादी गतिविधियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। जो लोग डायनामाइट, जहरीली गैस या अन्य खतरनाक पदार्थों का उपयोग करके देश को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे, उन्हें आतंकवादी माना जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यहां तक कि अगर आरोपी व्यक्ति भारत से बाहर छिपा हुआ है, तो भी उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकेगा।

3.   यौन अपराधों के लिए सख्त सजा: यौन उत्पीड़न के मामलों में कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। विशेष रूप से 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों से जुड़े मामलों में आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है। गैंगरेप के मामलों में 20 साल की कैद या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।

4.   नाबालिगों के साथ अपराध पर सख्ती: नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म के मामलों को पॉक्सो कानून के साथ जोड़ा गया है, जिससे आरोपियों को सख्त सजा मिल सके। गैंगरेप के मामलों में भी सख्त सजा का प्रावधान किया गया है और इसे नए अपराध की श्रेणी में रखा गया है।

इन नए कानूनों के लागू होने से देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे। ये कानून केवल अपराधियों को सख्त सजा देंगे, बल्कि पीड़ितों को भी तेजी से न्याय दिलाने में मदद करेंगे। केंद्र सरकार का यह कदम हमारे कानूनी सिस्टम को आधुनिक और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे केवल अपराधों पर अंकुश लगेगा, बल्कि देश की सुरक्षा और अखंडता भी सुनिश्चित होगी।

नई आपराधिक कानूनों का उद्देश्य हमारे कानूनी ढांचे को मजबूत करना और न्याय प्रणाली में विश्वास को बढ़ाना है। उम्मीद है कि इन नए कानूनों के माध्यम से देश में कानून व्यवस्था में सुधार होगा और न्याय प्रणाली अधिक पारदर्शी और सुदृढ़ होगी।

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