कानपुर: केस्को के लिपिक विनय कुमार मल्होत्रा ने की आत्महत्या, पत्नी ने लगाए प्रताड़ना के आरोप
कानपुर में केस्को के एकाउंट विभाग में तैनात लिपिक विनय कुमार मल्होत्रा ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली। इस खबर से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचीं उनकी पत्नी पूजा मल्होत्रा का रो-रोकर बुरा हाल था। पूजा बार-बार कह रही थीं कि अगर विनय उनकी बात मान लेते, तो यह घटना न होती।
विनय कुमार मल्होत्रा का तनाव और वीआरएस का मामला
पूजा ने बताया कि विनय को अवसाद में देखकर उन्होंने सलाह दी थी कि वे वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) ले लें। विनय ने इसके लिए आवेदन किया था, लेकिन पता चला कि अगर अभी वीआरएस लिया तो पेंशन नहीं मिलेगी। छह महीने बाद समय पूरा होने पर ही पेंशन मिल सकती थी। इसी कारण उन्होंने वीआरएस की फाइल आगे नहीं बढ़ाई थी।
नजीराबाद थानाध्यक्ष अमान सिंह ने बताया कि विनय ने मेमू
ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी। प्रत्यक्षदर्शी गेटमैन के अनुसार, विनय सुबह 11 बजे स्कूटी से आए और ट्रैक की तरफ बढ़ने लगे। लोगों ने उन्हें हटने को कहा, लेकिन वे ट्रेन के आगे कूद गए। पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई है और परिजनों की तहरीर के
बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
विनय का शव क्षत-विक्षत हो गया था। शव को पोस्टमार्टम हाउस लाने के लिए कर्मचारी 2500 रुपये मांगने लगे, जिस पर परिजनों से झड़प हो गई। बाद में पुलिस ने मामला शांत कराया।
परिजनों का आरोप और केस्को की प्रतिक्रिया
विनय की पत्नी पूजा मल्होत्रा ने केस्को के अफसरों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि 30 साल की नौकरी के बाद 15 दिन पहले विनय का ट्रांसफर केस्को एमडी कार्यालय से परेड बिजली घर कर दिया गया था। इसके बाद उनसे पूरे 30 साल का विभागीय रिकॉर्ड देने का दबाव बनाया जा रहा था और न देने पर रिपोर्ट दर्ज कराने की धमकी दी गई थी। इसी वजह से वे तनाव में थे।
केस्को एमडी सैमुअल पॉल एन ने कहा है कि यदि परिजन शिकायत करते हैं तो मामले की जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा, "मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवार के साथ हैं और हम हर संभव मदद करेंगे।"
विनय के परिवार की स्थिति
विनय के परिवार में उनकी पत्नी पूजा मल्होत्रा और दो बेटे हैं। बड़ा बेटा सार्थक और उसकी पत्नी पलक सीए हैं, जबकि छोटा बेटा दिव्यांश सीए अंतिम वर्ष का छात्र है। पूजा का कहना है कि विनय का ट्रांसफर होने के बाद से ही उन पर रिकॉर्ड देने का दबाव था और न देने पर जेल भेजने की धमकी दी गई थी। इस तनाव के चलते ही उन्होंने आत्महत्या कर ली।
यह घटना कानपुर में कानून व्यवस्था और प्रशासनिक दबाव की एक चिंताजनक स्थिति को दर्शाती है। उम्मीद है कि जांच के बाद सच सामने आएगा और पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा। केस्को के अधिकारियों से भी अपेक्षा है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और आवश्यक कदम उठाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
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