कानपुर देहात: शिक्षकों ने ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में किया पैदल मार्च
माती, कानपुर देहात: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की जनपदीय इकाई द्वारा प्रदेशीय आवाहन पर सैकड़ों शिक्षक-शिक्षिकाओं ने डिजिटलाइजेशन और ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में माती अंडरपास चौराहा से पैदल मार्च किया। इसके बाद डीएम कार्यालय में मुख्यमंत्री
को संबोधित ज्ञापन अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को सौंपा।
सोमवार को राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार शुक्ला के नेतृत्व में बड़ी संख्या में शिक्षक माती ओवरब्रिज के नीचे एकत्रित हुए। इसके बाद वे मांगों की तख्तियां लेकर और नारेबाजी करते हुए पैदल मार्च
करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे।
इस दौरान प्रदेश मंत्री प्रदीप कुमार तिवारी ने कहा कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा 8 जुलाई से ऑनलाइन उपस्थिति का आदेश जारी किया गया है, जो पूरी तरह से अव्यवहारिक है। विभागीय अधिकारी वातानुकूलित कक्ष में बैठकर बिना जमीनी हकीकत जाने इस प्रकार के आदेश जारी करते हैं।
जिला संगठन मंत्री अनंत त्रिवेदी ने कहा कि विभागीय अधिकारी दमन पूर्वक ऑनलाइन उपस्थिति लागू करना चाहते हैं। इसका विरोध करने के लिए आज सैकड़ों शिक्षक यहां उपस्थित हुए हैं। संगठन की मांग है कि अन्य विभागों की तरह हाफ-डे सीएल, राज्य कर्मचारियों की भांति 30 ईएल या महाविद्यालय के शिक्षकों की भांति पीएल का प्रावधान किया जाए। मौसम की प्रतिकूलता और विभागीय कार्यक्रमों के दृष्टिगत बीएसए को ऑनलाइन उपस्थिति के संबंध में शिथिलता के अधिकार दिए जाएं। सर्वर क्रैश होने पर वैकल्पिक व्यवस्था के दिशा निर्देश जारी किए जाएं। भेदभावपूर्ण और शोषणकारी ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था समाप्त कर अन्य विभागों की भांति ही उपस्थिति ली जाए।
इस विरोध प्रदर्शन में देवेंद्र सिंह, महेंद्र कुमार, ज्योत्सना गुप्ता, अजय कुमार गुप्ता, संत कुमार दीक्षित, इंद्र कुमार, विवेक पाल, प्रेम कुमार, अरविंद सिंह, संदीप सिंह, गौरव मिश्रा, अमृता त्रिवेदी, संजय कुमार त्रिपाठी, जितेंद्र पांडेय, मयंक मिश्रा, जयशंकर द्विवेदी, आशुतोष त्रिपाठी, अजय तिवारी, गोपाल मिश्रा समेत बड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।
ऑनलाइन हाजिरी के पहले दिन ही समस्याएँ: सोमवार को पहले दिन अधिकांश परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी के दावे गलत साबित हुए। सुबह से ही बड़ी संख्या में शिक्षक विरोध जताने के लिए माती डीएम कार्यालय पहुंच गए, जिसके चलते स्कूलों में शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी दर्ज नहीं हो सकी। बीएसए अजय मिश्रा ने कहा कि शासन के आदेश का कड़ाई से पालन कराया जाएगा।
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