कानपुर देहात : यमुना का जलस्तर बढ़ने से कानपुर देहात में फिर से बाढ़ का खतरा, आठ गांवों पर मंडराया संकट
कानपुर देहात: जिले की दक्षिणी सीमा पर बहने वाली यमुना नदी एक बार फिर से
उफान पर है, जिससे कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। यमुना का
जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण मूसानगर क्षेत्र के चपरघटा सहित आठ गांवों पर बाढ़
का खतरा गहरा गया है।
शुक्रवार सुबह 6 बजे
यमुना का जलस्तर चेतावनी बिंदु से लगभग सवा दो मीटर नीचे था, लेकिन
लगातार हो रही वृद्धि ने स्थानीय लोगों को चिंता में डाल दिया है। इस साल यह
पांचवी बार है जब यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांवों के लोगों की फसलें
नष्ट हो चुकी हैं।
बुधवार से यमुना का जलस्तर फिर से बढ़ना
शुरू हुआ और चपरघटा के पास सेंगुरगु नदी में पानी उल्टा जाने लगा, जिससे
यमुना-सेंगुरगु के संगम स्थल पर स्थित आढन,
पथार,
मुसरिया,
पड़ाव,
कुंभापुर,
नयापुरवा,
भुंडा,
और चपरघटा जैसे गांवों में बाढ़ का खतरा
बढ़ गया है। आढन-पथार का रास्ता पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है, जिससे
वहां के लोगों के लिए आवागमन का एकमात्र सहारा अब नाव ही रह गया है।
यमुना किनारे स्थित भोगनीपुर और सिकंदरा
तहसील क्षेत्र के 28 गांवों के लोग भी जलस्तर में हो रही लगातार वृद्धि के कारण
बाढ़ के खतरे से सहमे हुए हैं। केंद्रीय जल आयोग के कालपी केंद्र के शिफ्ट प्रभारी
सौरभ यादव के अनुसार, यमुना में 107 मीटर पर चेतावनी बिंदु और 108 मीटर
पर खतरे का निशान है। यमुना में लगभग 10
सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पानी
बढ़ रहा है, और शुक्रवार सुबह 6
बजे यह 104.80
मीटर पर बह रही थी।
जिला आपदा विशेषज्ञ अश्वनी वर्मा ने
बताया कि यमुना के जलस्तर में हो रही वृद्धि पर प्रशासन की कड़ी नजर है। बाढ़ के
हालात से निपटने के लिए एसडीएम भोगनीपुर और सिकंदरा को अवगत करा दिया गया है।
प्रशासन ने सभी तैयारियां कर ली हैं और बाढ़ चौकियों को अलर्ट रहने का निर्देश
दिया गया है।
यमुना के बढ़ते जलस्तर ने एक बार फिर से
तटवर्ती गांवों के निवासियों को मुश्किल हालात में डाल दिया है। प्रशासन की ओर से
सतर्कता बरती जा रही है, लेकिन लोगों के लिए यह समय बेहद चुनौतीपूर्ण है। सभी को उम्मीद
है कि जलस्तर जल्द ही सामान्य होगा और स्थिति में सुधार आएगा।
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