कानपुर देहात: शत्रु संपत्ति की अवैध बिक्री के मामले में एक और गिरफ्तारी
कानपुर देहात के भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के मावर गांव में शत्रु संपत्ति की अवैध बिक्री के मामले में पुलिस ने एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। यह मामला पाकिस्तानी नागरिक जाफरी बेगम की भूमि से जुड़ा है, जिसे कथित रूप से फर्जी रजिस्ट्री के माध्यम से बेचा गया था। जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की है, और डीएम (जिलाधिकारी) के निर्देश पर लेखपाल ने संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।
क्या
है शत्रु संपत्ति?
शत्रु
संपत्ति वह संपत्ति होती है जो भारत में रह रही उन लोगों की होती है,
जिन्होंने देश के विभाजन के बाद पाकिस्तान या
अन्य शत्रु देशों में पलायन कर लिया था। सरकार ने इन संपत्तियों को 'शत्रु संपत्ति' के रूप में अधिगृहित कर लिया और यह सरकारी
नियंत्रण में रहती हैं। ऐसी संपत्तियों की बिक्री या रजिस्ट्री कानूनी रूप से अवैध
होती है।
फर्जी
रजिस्ट्री का मामला
मावर
गांव में स्थित जाफरी बेगम की भूमि को फर्जी दस्तावेज़ों के माध्यम से अवैध रूप से
बेचा जा रहा था। जिला प्रशासन ने मामले की जांच के बाद पाया कि यह संपत्ति शत्रु
संपत्ति के अंतर्गत आती है और इसके बावजूद इसे फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करके
बेचने का प्रयास किया गया था।
प्रशासन
की कार्रवाई
डीएम
के निर्देश पर मामले की जांच के लिए लेखपाल को नियुक्त किया गया,
जिसने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई। इसके बाद,
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले में
शामिल एक और व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले भी इस मामले में कुछ लोग
गिरफ्तार हो चुके हैं और पुलिस की जांच जारी है।
इस
गिरफ्तारी के बाद पुलिस मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रही है। अभी तक यह
स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस अवैध बिक्री में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। पुलिस का
मानना है कि इस मामले में और भी लोग गिरफ्तार हो सकते हैं।
सरकार
द्वारा शत्रु संपत्तियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों पर रोक
लगाई जा सके। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है और कहा है कि
कोई भी संपत्ति खरीदने से पहले उसके कानूनी दस्तावेजों की जांच अवश्य कर लें,
ताकि ऐसे फर्जीवाड़ों का शिकार न हों।
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