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कानपुर देहात में भारी बारिश के चलते मकान की दीवारें गिरीं, दो युवकों की दर्दनाक मौत

 कानपुर देहात में भारी बारिश के चलते मकान की दीवारें गिरीं, दो युवकों की दर्दनाक मौत

कानपुर देहात जिले के डेरापुर में मंगलवार रात से हो रही लगातार बारिश ने कई घरों को प्रभावित किया है। इसी दौरान, दो अलग-अलग घटनाओं में दीवार और छत गिरने से दो युवकों की मौत हो गई। इन हादसों ने इलाके में शोक का माहौल पैदा कर दिया है, और मृतकों के परिवारों का रो-रो कर बुरा हाल है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और जांच शुरू कर दी है।


पहला हादसा: ग्राम अंतापुर में दीवार गिरने से युवक की मौत

पहली घटना डेरापुर के ग्राम अंतापुर में हुई, जहां 27 वर्षीय संदीप सिंह उर्फ दीपक अपने परिवार के साथ रह रहा था। संदीप के पिता, कमलेश ने बताया कि संदीप रात में घर के अंदर ही था, जब लगातार हो रही बारिश के कारण अचानक मकान की एक दीवार उसके ऊपर गिर पड़ी। दीवार गिरने की आवाज सुनकर घर के बाकी सदस्य और पड़ोसी तुरंत मदद के लिए दौड़े। ग्रामीणों ने मिलकर मलबे को हटाया और संदीप को बाहर निकाला। उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


संदीप की मौत के बाद उसका परिवार गहरे सदमे में है। उसकी मां और पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों ने भी इस दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। संदीप एक मेहनती और शांत स्वभाव का युवक था, जो अपने परिवार का सहारा था। उसकी असमय मौत से गांव में शोक और दुख का माहौल बन गया है।

दूसरा हादसा: ग्राम भूपतियापुर में कच्ची दीवार और छत गिरी, एक और युवक की मौत

दूसरी दर्दनाक घटना डेरापुर के ही ग्राम भूपतियापुर में हुई। यहां गंगाराम संखवार का 28 वर्षीय बेटा योगेंद्र कुमार अपने घर के अंदर था। देर रात से हो रही लगातार बारिश के कारण घर की कच्ची दीवार और छत अचानक से गिर गई, जिससे योगेंद्र मलबे में दब गया। घटना होते ही घरवालों ने शोर मचाना शुरू किया और आसपास के लोग फौरन मदद के लिए पहुंचे। सभी ने मिलकर मलबा हटाकर योगेंद्र को बाहर निकाला और पास के अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


योगेंद्र के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। गंगाराम संखवार का इकलौता बेटा योगेंद्र अपने परिवार का महत्वपूर्ण सदस्य था, और उसकी इस तरह की अचानक मौत से परिवार को गहरा आघात पहुंचा है। गांव के लोग भी इस दुखद घटना से हतप्रभ हैं और परिवार के साथ खड़े हैं।

पुलिस और प्रशासन की कार्यवाही

दोनों घटनाओं की जानकारी मिलते ही डेरापुर पुलिस घटनास्थलों पर पहुंची। पुलिस ने मौके से शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। थाना प्रभारी ने बताया कि दोनों हादसे लगातार हो रही बारिश के चलते हुए हैं, और यह क्षेत्र के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है और प्रशासन ने मृतकों के परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

प्राकृतिक आपदा की चुनौतियां और प्रशासन की अपील

इन हादसों ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि बारिश के दौरान कच्चे और पुराने मकान कितने खतरनाक हो सकते हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण गांवों में कई कच्चे मकान ध्वस्त होने की कगार पर हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बारिश के मौसम में अतिरिक्त सावधानी बरतें। पुराने और कमजोर मकानों में रहने से बचने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट पर रखा है ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना के लिए तुरंत कार्रवाई की जा सके।

समाज का सहयोग और सुरक्षा के उपाय

गांव के लोगों ने इस घटना के बाद से अपने-अपने घरों का निरीक्षण करना शुरू कर दिया है, ताकि किसी और हादसे को टाला जा सके। स्थानीय पंचायत और प्रशासन ने भी लोगों से आग्रह किया है कि वे खतरे को नजरअंदाज न करें और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें। कच्चे और पुराने मकानों की स्थिति को देखते हुए त्वरित मरम्मत या सुरक्षा के उपाय किए जाने की आवश्यकता है।

इन दर्दनाक हादसों से एक बात स्पष्ट है कि प्राकृतिक आपदाएं किसी भी समय आ सकती हैं, और हमें सतर्क और सुरक्षित रहना आवश्यक है।


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