जल्लापुर-सिकंदरा गांव में गेहूं की फसल में लगी आग, 16 बीघा फसल जलकर राख
दमकल और ग्रामीणों की मदद से बचाई गई सैकड़ों बीघा फसल, प्रशासन ने दिया मुआवजे का भरोसा
कानपुर देहात के सिकंदरा तहसील क्षेत्र के जल्लापुर गांव में शनिवार को उस समय अफरातफरी मच गई जब संदिग्ध परिस्थितियों में गेहूं के खेतों में आग लग गई। यह आग धीरे-धीरे फैलती चली गई और तेज हवा के कारण आसपास के खेतों को भी अपनी चपेट में ले लिया।
अब्दुल मजीद के खेत से शुरू हुई आग
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सबसे पहले आग अब्दुल मजीद के खेत में लगी थी। इसके बाद तेज हवाएं चलने के कारण आग ने आसपास के खेतों को भी अपनी गिरफ्त में ले लिया। देखते ही देखते रमेशचंद्र, तौसीफ खां, रिजवान खां, मुकीम खां, जलील अहमद, मुकेश और सगीर अहमद के खेतों की फसल भी जलकर राख हो गई।
दमकल की टीम ने आग पर पाया काबू
गांव वालों ने तुरंत घटना की जानकारी पुलिस और दमकल विभाग को दी। भोगनीपुर से पहुंची दमकल की टीम और पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। समय रहते प्रयास करने से सैकड़ों बीघा फसल को आग की चपेट में आने से बचा लिया गया।
16 बीघा फसल पूरी तरह राख
इस दुखद घटना में कुल मिलाकर एक दर्जन से अधिक किसानों की 16 बीघा गेहूं की खड़ी फसल जलकर पूरी तरह नष्ट हो गई। किसानों की महीनों की मेहनत कुछ ही घंटों में राख में बदल गई, जिससे वे काफी दुखी हैं।
प्रशासन ने दिया मुआवजे का भरोसा
घटना के बाद हल्का लेखपाल शशांक कटियार ने मौके पर पहुंचकर क्षति का आंकलन किया और इसकी रिपोर्ट तहसील प्रशासन को भेज दी है। सिकंदरा के तहसीलदार सुभाष चंद्र ने बताया कि प्रभावित किसानों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा ताकि उन्हें कुछ राहत मिल सके।
किसानों में चिंता, प्रशासन से जल्द सहायता की मांग
घटना के बाद गांव के किसानों में भय और चिंता का माहौल है। वे प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द उन्हें आर्थिक सहायता दी जाए, जिससे वे अपनी आगे की खेती के लिए तैयारी कर सकें।
यह घटना एक बार फिर से दिखाती है कि खेतों की सुरक्षा और आग बुझाने के इंतजामों को और बेहतर बनाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
0 टिप्पणियाँ